"कार्य ही पूजा है/कर्मण्येव अधिकारस्य मा फलेषु कदाचना" दृष्टान्त का पालन होता नहीं,या होने नहीं दिया जाता जो करते हैं उन्हें प्रोत्साहन की जगह तिरस्कार का दंड भुगतना पड़ता है आजीविका के लिए कुछ लोग व्यवसाय, उद्योग, कृषि से जुडे, कुछ सेवारत हैंरेल, रक्षा सभी का दर्द उपलब्धि, तथा परिस्थितियों सहित कार्यक्षेत्र का दर्पण तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358

what's App no 9971065525


DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची

https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
Showing posts with label वेतन आयोग. Show all posts
Showing posts with label वेतन आयोग. Show all posts

Thursday, July 7, 2016

क्या दिया वेतन आयोग के इस निर्णय ने? व कर्मचारी रोष

क्या दिया वेतन आयोग के इस निर्णय ने? व कर्मचारी रोष
7वें वेतन आयोग में उलझे हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें, आपके कुछ प्रश्नों के जवाब यहां हैंनदि तिलक। 7वें वेतन आयोग को गत बुधवार को लागू कर दिया गया है। नरेंद्र मोदी मंमं ने इससे संबंधित एक निर्णय लिया और इन अनुशंसाओं  से 1 करोड़ से भी अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इनमें 47 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं, जिनमें से 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशनभोगी रक्षा बलों से संबंधित हैं। इस वेतन आयोग की रपट को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया। जिस कर्मचारी का जितना वृद्धि अंतर देय बनता है सरकार वह देगी। 
वेतना आयोग पर अभी क्या है स्थिति? 
रपट के लागू होने के बाद प्राय: 33 लाख कर्मचारियों ने रोष प्रगट करते हुए हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जो अब 4 माह के लिए टल गई है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वह रपट से पूरी तरह सहमत नहीं हैं और सरकार के पास न्यूनतम वेतन और पेंशन में वृद्धि से संबंधित दो मांगें रखी हैं। 
गतिरोध दूर हुआ? बातचीत अभी जारी है 
दोनों ओर से कुछ झुकने के संकेत मिल रहे हैं। सरकार की ओर से न्यूनतम वेतनमान 22-23 हजार रुपये करने की बात कही है, किन्तु कर्मचारी संगठन इस पर तैयार नहीं है... बातचीत अभी जारी है। 
इस बीच लोग अभी भी रपट में दी हुई बातों को लेकर असमंजस में हैं और उन्हें कुछ मुद्दे स्पष्ट नहीं है। यदि सरकार की अनुशंसाओं और वर्तमान सातवें वेतन आयोग की रपट को देखा जाए तो कुछ बातें इस प्रकार हैं... 
वेतन और भत्तों में कितनी हुई वृद्धि ? 
वेतन आयोग की रपट के अनुसार मूल वेतन और भत्तों में हुई वृद्धि कुछ इस प्रकार है। 
मूल वेतन में वृद्धि - 16 %
भत्तों में 
वृद्धि - 63 % वेतन और भत्तों को मिलाकर कुल वृद्धि - 23.55 % 
जहां तक भत्तों की बात है तो कर्मचारियों को सबसे बड़ी प्रसन्नता की बात आकिभ अर्थात आवास किराया भत्ता में प्राय: 139 % की वृद्धि की है। यह लाभ कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा पेंशनभोगीयों को नहीं। 
आयोग ने कुल मिलाकर 196 वर्तमान भत्‍तों पर ध्यान किया और इन्‍हें तर्कसंगत बनाने के उद्देश्‍य से 51 भत्‍तों को समाप्‍त करने और 37 भत्‍तों को समाहित करने की अनुशंसा की है जिसे सरकार ने मान लिया है। 
पेंशनभोगियों के लिए क्या किया वेतन आयोग ने? 
वेतन आयोग की रपट और सरकार के निर्णय के बाद पेंशनभोगियों के खाते में पहले की तुलना में 24 % राशि अधिक आएगी। 
न्यूनतम और अधिकतम वेतनमान सीमा निर्धारण? 
सरकार ने वेतन आयोग की अनुशंसा और सुझाव को मानते हुए यह नीतिगत निर्णय लिया है कि न्यूनतम और अधिकतम वेतन निर्धारण होगा। वर्तमान तय दर के अनुसार यह इस प्रकार है - 
न्यूनतम वेतनमान - 18000 रुपये मासिक
कर्मचारियों के लिए अधिकतम वेतन - 2.25 लाख रुपये 
मासिक
कबीना सचिवों के लिए - 2.5 लाख रुपये 
मासिक 
न्‍यूनतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। न्‍यूनतम स्‍तर पर किसी भी नवनियुक्‍त कर्मचारी का प्रथम वेतन अब 18000 रुपये होगा। इसे ही 26 हजार रुपये मासिक पर ले जाने की बात कर्मचारी संगठन कर रहे हैं। 
प्रथम श्रेणी अधिकारी का न्यूनतम वेतनमान कितना है? 
उधर, नवनियुक्‍त ‘श्रेणी-1’ अधिकारी का आरम्भिक वेतन 56100 रुपये होगा। यह 1:3.12 के संकुचन अनुपात को दर्शाता है, जिससे यह पता चलता है कि सीधी भर्ती वाले किसी भी ‘श्रेणी I’ अधिकारी का वेतन न्‍यूनतम स्‍तर पर न‍वनियुक्‍त कर्मचारी के वेतन से तीन गुना अधिक होगा। 
स्वास्थ्य बीमा योजना में कुछ परिवर्तन हुआ है? 
स्वास्थ्य बीमा योजना को सरकार ने वेतन आयोग के सुझावों के विपरीत स्वीकार किया है। यह योजना पूर्व की भांति यथावत रहेगी। मंमं ने केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (केंसकसबीयो) में किए जाने वाले मासिक अंशदान में भारी वृद्धि करने की अनुशंसा को भी न मानने का निर्णय लिया है, जैसी कि आयोग ने अनुशंसा की थी। 
वार्षिक वृद्धि कितना होगा? 
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को 3 % की दर से वार्षिक वृद्धि अंश दिया जाता रहेगा। 
सैन्य सेवा वेतन क्या परिवर्तन हुआ है? 
सेना से जुड़े कर्माचारियों के लिए यह बड़ी जानकारी है। सरकार ने सैन्य सेवा वेतन को 15500 रुपये मासिक  कर दिया है। 
वेतन आयोग पर कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें 
1. वेतन आयोग अनुशंसाओं के लागू करने पर सरकारी कोष पर प्राय: 1.02 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ रेलवे बजट और शेष 73,650 करोड़ रुपये सामान्य बजट पर जाएगा। 
2. वेतन आयोग ने जो वेतन वृद्धि की अनुशंसा की है वह गत सात दशक में सबसे कम है। किन्तु यह भारत की कुल सकल घरेलू उत्पाद का 0.7 % है। 
3. ज्ञात हो कि सरकार प्रति दस वर्ष में अपने कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के लिए आयोग का गठन करती है जिसकी रपट के आधार पर सरकार कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर निर्णय लेती है। 
4. 7वें वेतन आयोग (पे कमिशन) की घोषणा के बाद केन्द्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के विरोध का दबाव अब स्पष्ट दिखने लगा है। 11 जुलाई को हड़ताल की घोषणा के बाद दबाव में आई केन्द्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की मांगों पर उनके साथ बातचीत आरम्भ कर दी है। 

केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों ने प्रस्तावित हड़ताल ‘टाली’ 

केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियनों ने प्रस्तावित हड़ताल ‘टाली’नदि तिलक। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं से असंतुष्ट होकर प्रस्तावित 11 जुलाई से यूनियनों की असीमित हड़ताल चार माह के लिए स्थगित। यूनियनों ने यह निर्णय तब किया जब सरकार उनकी शिकायतों पर विचार करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन के लिए तैयार हो गई। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के यूनियनों की राष्ट्रीय संयुक्त कार्य परिषद (रासंकाप) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने इस बारे में यह बताया, ‘‘हड़ताल चार माह के लिए टालने का निर्णय इसलिए किया है, क्योंकि सरकार ने आज हमें आश्वस्त किया कि वह हमारी ओर से उठाए गए मुद्दों को सुलझाएगी और उन्हें उच्च-स्तरीय समिति के पास विचार के लिए भेजेगी।’’ बुधवार को दिन में यूनियनों के प्रतिनिधियों की केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट के बाद सरकार ने एक उच्च- स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय किया। रासंकाप रेलवे, डाक एवं तार विभाग एवं रक्षा मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न यूनियनों की एक संयुक्त संस्था है। 
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगड चुकी दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर कार्य संस्कृति की दिशा व दशा श्रेष्ठ बनायें-तिलक