"कार्य ही पूजा है/कर्मण्येव अधिकारस्य मा फलेषु कदाचना" दृष्टान्त का पालन होता नहीं,या होने नहीं दिया जाता जो करते हैं उन्हें प्रोत्साहन की जगह तिरस्कार का दंड भुगतना पड़ता है आजीविका के लिए कुछ लोग व्यवसाय, उद्योग, कृषि से जुडे, कुछ सेवारत हैंरेल, रक्षा सभी का दर्द उपलब्धि, तथा परिस्थितियों सहित कार्यक्षेत्र का दर्पण तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Wednesday, December 5, 2012

रामसेवको को ससम्मान श्रद्धांजलि ।

राम जन्म स्थल पर, पूज्य रामसेवको के देवलोक गमन पर,  ससम्मान श्रद्धांजलि ।

हंसी भी आती है 
होती है वेदना भी। 
वो संविधान, 
जिस पर 
मेरे जैसे 
राम वाले ने 
ना कभी अंगूठा लगाया 
ना हस्ताक्षर किये, 
महाजन की हुंडी सा 
हर सांस पर लगान वसूलता ;
धर्म-निरपेक्षता के (शर्म-निरपेक्षता)
अर्थ, तक नहीं जानता जो 
बिठाता है (?)
न्याय की कुर्सियों पर 
भिश्तियों और गुलामों को !!
वहाँ 
मेरे राम का न्याय होगा। 
एक वीभत्स प्रहसन है।। 
स्वाहा हो चुके 
राम सेवको की लाशो पर 
रोटिया सकते दल 
राम और रामायण की 
प्रासंगिकता को नकारते 
वोटो की खातिर (दलाल)
आत्मा तक बेच चुके जो, 
वो (?)
पहरे लगाते है।। 
जानते नहीं 
कितने राम 
बसते है 
हर हिन्दू ह्रदय में ??
जो जानता है 
वो हसता है
अधम वर्णसंकर जमात पर; 
जो काबिज है 
पदों पर 
मीडिया पर 
न्यायालयों में।। 
चौखट चूमती 
अपराधियों 
और 
बलात्कारियों की 
जूठन खाती 
लिजलिजी व्यवस्था ;
एक कोढ़ है 
मेरे भारत पर।। 
और 
ये सब 
देखते मेरे राम 
मौन बैठे है 
समुद्र तट पर, 
राह माँगते। 
और दुष्ट रावण 
अट्टहास करता 
इसे समझ बैठा है 
पराजय।।
अब विभीषण जागे है 
अब राम को 
क्रोध भी आया है ,
बाण तुणीर से धनुष तक 
आते ही ,
सागर देगा 
स्वयं राह 
ये तय है। 
बाकी सब लीला है 
और  
आज राक्षस 
अट्टहास करते है, 
क्योंकि 
थोड़े ही प्राण बाकी है।। 
- जय श्री राम !
source: Tarun's Diary
हिन्दू धर्म की निशानियों के लिए, लड़कपन में ही जान लुटा चुके वानर वीरो तुल्य पूज्य रामसेवको के देवलोक गमन पर,  ससम्मान श्रद्धांजलि ।
"मुझे गर्व है कि मैं राम को मानता हूँ , मुझे संतोष है कि मैं धर्म को जानता हूँ " 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है - इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Tuesday, November 27, 2012

नानक देव के प्रकाश दिवस पर संकल्प लें:

अखिल विश्व में फैले सम्पूर्ण हिन्दू समाज के आप सभी को सपरिवार, युगदर्पण परिवार की ओर से प्रकाश दिवस की बधाई व ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं।
नानक देव के प्रकाश दिवस पर आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।
यह प्रकाश दिवस भारतीय जीवन से आतंकवाद, अवसरवाद, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि की अमावस में, सत्य का दीपक जला कर धर्म व सत्य का प्रकाश फैलाये तथा भारत को सोने की चिड़िया का खोया वैभव, पुन:प्राप्त हो !
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
प्रारंभिक जीवन
गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1,469 लाहौर के निकट राय भोई की तलवंडी (अब पाकिस्तान में, ननकाना साहिब कहा जाता है,) में हुआ था। [2] यह अब गुरु नानक देव के प्रकाश दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज [3],  उनका जन्मस्थान गुरुद्वारा जनमस्थान नाम से चिह्नित है। उनके पिता, कल्याण चंद दास बेदी लोकप्रिय नाम, कालू मेहता [4], तलवंडी के गांव राय बुलार भट्टी [5] में, उस क्षेत्र के एक मुस्लिम मकान मालिक के द्वारा फसल राजस्व के लिए एक पटवारी (एकाउंटेंट) नियोजित किया गया था। नानक की माता का नाम तृप्ता था। उनकी एक बड़ी बहन, बीबी नानकी, जो एक आध्यात्मिक व्यक्ति बन कर उभरी । 
गुरुद्वारा ननकाना साहिब

नानकी से जय राम, लाहौर के अंतिम गवर्नर दौलत खान लोदी, के स्टुअर्ड (मोदी) ने शादी कर ली और सुल्तानपुर, अपने शहर के लिए चला गया। नानक बड़ी बहन के साथ संलग्न और उसके पति के साथ रहने के लिए सुल्तानपुर आ गया। नानक को दौलत खान के साथ भी काम मिल गया, जब वह लगभग 16 वर्ष का था। यह नानक के जीवन का एक प्रारंभिक समय था। पुरातन मान्यता प्राप्त (जीवन खाते) जनम सखी के अनुसार और अपने भजन में मान्य कई संकेतों में, नानक ने सबसे अधिक संभावना इस समय में प्राप्त की। [6]
उनके जीवन पर टीकाओं के विवरण के अनुसार, एक युवा उम्र से की जागरूकता को, खिलते देखा गया । पांच वर्ष की उम्र में, नानक ने आध्यात्म के विषयों में रूची दर्शा है।  सात वर्ष की उम्र में पिता, कालू मेहता ने, प्रथा के अनुसार उसे अपने गांव के स्कूल में दाखिल कराया था। [7] उल्लेखनीय है कि गुरु नानक को वर्णमाला के पहले अक्षर में निहित प्रतीकों का वर्णन करके अपने शिक्षक को चकित करने वाले एक बच्चे के रूप में याद करते है। फारसी या अरबी विद्या में एक लगभग सीधे (स्ट्रोक) रेखा, जो 'एक' की गणितीय संस्करण जैसी या ईश्वर की एकता के रूप में बताया है।[8] नानक के बचपन के बारे में 'राय बुलार' के द्वारा उद्धत विवरण देखें। जहाँ सो रहे बच्चे के सिर पर कठोर धूप से ढाल के रूप में एक जहरीला कोबरा देखा गया व इस तरह के अजीब और अन्य चमत्कारी घटनाओं को देखा जाता रहा है।
आगे देखें...


कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Friday, November 23, 2012

अजमल कसाब को फांसी देने के समाचार से उठे कई प्रश्न

अजमल कसाब को फांसी देने के समाचार से उठे ई प्रश्न व शंकाएँ ??
1) स्वयं के फैसले को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 29 अगस्त 2012 पर सही ठहराया गया था [11 इंडियन एक्सप्रेस ??
2) कसाब को 21 नवम्बर 2012 के 07:30 पर फांसी पर लटका दिया गया था।..??
3) ये कागज के तथ्य हैं, तथ्यों को सबूत की जरूरत है, भले ही वे उन्हें हेरफेर कर सकते। विकिपीडिया भी पहले  डेंगू से मरने की पुष्टी कर रहा था, किंतु 1 घंटे के अन्दर अन्दर सच बदल कर रख दिया गया। जब wikipedia तक के तथ्य बदले गए, तब .....।...??



4) तीस्ता जावेद, शबनम हाश्मी, नंदिता दास, महेश भट्ट, आफिसा रिजवी, राहुल बोस और टीम केजरीवाल से संदीप पांडे, मल्लिका साराभाई, मेधा पाटकर, शाजिया इल्मी .. और आठ सांसद जिसमे ओबैसी, ए रहमान, उन 210 लोगो में शामिल है, जिन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिख्रकर अजमल कसाब को फांसी न देने की अपील की थी| जब यह सत्य माना जाये, तब अजमल कसाब को फांसी देने के समाचार से, उन 210 लोगो के शांत रहने का कारण क्या है 
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Saturday, November 17, 2012

बाला साहब ठाकरे राष्ट्रप्रहरी थे।

राष्ट्रप्रहरी बाला साहब ठाकरे अनन्त में विलीन:
निर्मल ह्रदय, स्पष्टवक्ता, प्रखर हिन्दूत्ववादी राष्ट्रप्रहरी, बाला साहब ठाकरे का अनन्त में समा जाना, परिवार, देश व हिन्दूत्व के लिए असहनीय क्षति है, परमात्मा उनकी आत्मा को शांति व हम ब को दुख सहने की क्षमता प्रदान करें। आप सदा हमारे ह्रदय में प्रकाश बनके समाये रहेंगे 
राष्ट्रप्रहरी बाला साहब ठाकरे एक निर्मल ह्रदय, स्पष्टवक्ता थे, तथा जीवन पर्यन्त देश, समाज व हिन्दूत्व के लिए निरन्तर संघर्षरत रहे। आज हम विचार व सिद्धांत के महत्त्व को नहीं समझते, किन्तु वे निर्विवाद रूप से मानते थे। तथा इस पर समझौता करने को तैयार नहीं थे। हमने देखा यदि सत्य में निष्ठा है, तब विचार मेल न खाते होने पर भी समस्या नहीं, सम्मान मिलता है। हम सत्यनिष्ठा का पालन करें। वन्देमातरम, 
राष्ट्रप्रहरी बाला साहब ठाकरे अनन्त में विलीन: निर्मल ह्रदय, स्पष्ट..... -तिलक, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS, 9911111611. http://jeevanmelaadarpan.blogspot.in/2012/11/blog-post_17.html
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
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Saturday, November 10, 2012

सार्थक दीपावली सन्देश

सार्थक दीपावली सन्देश...Pl. Like it, join it, share it. Tag 50
युगदर्पण का सार्थक दीपावली सन्देश: सार्थक दिपावली का अर्थ ? 
सार्थक दीपावली सन्देश...Pl. Like it, join it, share it. Tag 50 
युगदर्पण का सार्थक दीपावली सन्देश: सार्थक दिपावली का अर्थ ? 
दशहरा यदि सत्य का असत्य पर विजय का प्रतीक है, तो दीपावली प्रकाश का अन्धकार पर। आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।। 
यह दीपावली भारतीय जीवन से आतंकवाद, अवसरवाद, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि की अमावस में, सत्य का दीपक जला कर धर्म व सत्य का प्रकाश फैलाये तथा भारत को सोने की चिड़िया का खोया वैभव, पुन:प्राप्त हो! अखिल विश्व में फैले सम्पूर्ण हिन्दू समाज के आप सभी को सपरिवार, युगदर्पण परिवार की ओर से दीपावली की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं। 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com

సార్థక దీపావలీ సన్దేశ  ,  ஸார்தக தீபாவலீ ஸந்தேஸ ,  ಸಾರ್ಥಕ ದೀಪಾವಲೀ ಸನ್ದೇಶ ,  സാര്ഥക ദീപാവലീ സന്ദേശ , সার্থক দীপাবলী সন্দেশ,                                

दशहरा यदि सत्य का असत्य पर विजय का प्रतीक है, तो दीपावली प्रकाश का अन्धकार पर। आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।

यह दीपावली भारतीय जीवन से आतंकवाद, अवसरवाद, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि की अमावस में, सत्य का दीपक जला कर धर्म व सत्य का प्रकाश फैलाये तथा भारत को सोने की चिड़िया का खोया वैभव, पुन:प्राप्त हो! अखिल विश्व में फैले सम्पूर्ण हिन्दू समाज के आप सभी को सपरिवार, युगदर्पण परिवार की ओर से दीपावली की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं।
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Tuesday, November 6, 2012

युगदर्पण के 50 हजारी होने पर

युगदर्पण के 50 हजारी होने पर आप सभी को हार्दिक बधाई व धन्यवाद। युग दर्पण ब्लाग पर बने, हमारे ब्लाग को 49 देशों के 3640, तथा राष्ट्र दर्पण पर 33 देशों के 1693, आप लोगों ने 4 नव.11 प्रथम 1 1/2 वर्षों में 10 हज़ार बार खोला व हमें 10 हजारी बनाया था। अब 4 नव.12 तक केवल एक वर्ष में, 63 देशों के 6360, तथा 51 देशों के 4100+ आप लोगों ने हमें 50 हजारी कर दिया है। आप सभी केवल हार्दिक बधाई व धन्यवाद के पात्र नहीं, हमआपका हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
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Thursday, September 20, 2012

"भारतीय रुपया, प्रतीक चयन प्रक्रिया" जनहित याचिका,

"भारतीय रुपया, प्रतीक चयन प्रक्रिया" के विरुद्ध जनहित याचिका, आरटीआई कार्यकर्ता श्री राकेश कुमार सिंह को अनुमति, -दि.उ.न्या.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरटीआई कार्यकर्ता श्री राकेश कुमार सिंह "भारतीय रुपया प्रतीक चयन प्रक्रिया" के विरुद्ध जनहित याचिका फाइल करने के लिए अनुमति दी है.
श्री राकेश कुमार सिंह ने अपनी पूर्व याचिका  "भारतीय रुपया, नव प्रतीक चयन प्रक्रिया" पर संज्ञान लेने से मना करने के, दिल्ली उच्च न्यायालय के पहले निर्णय को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में ही, याचिका वापसी आवेदन अनुमति हेतु प्रस्तुत की  है l   
याचिका वापसी आवेदन सुनने के बाद, माननीय मुख्य न्यायाधीश और दिल्ली उच्च न्यायालय के माननीय श्री न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने, अपने निर्णय में कहा, कि हम अपीलार्थी लिए उपस्थित होने वाले वरिष्ठ वकील द्वारा प्रस्तुत की गई, याचिका के अनुसार, वह अपनी पूर्व याचिका इस आधार पर वापस चाहता है, क्योंकि 'उसकी शिकायत केवल यह नहीं, कि उसका प्रतीक स्वीकार नहीं' किया गया है, अपितु, वह उन "प्रक्रियात्मक पहलुओं को चुनौती" देना चाहता है, जो भारत के संघ द्वारा विभिन्न स्तरों पर, इस प्रकार के कामों हेतु अपनाई जाती है l जिन्हें, राजभाषा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और कई अन्य विभिन्न विधियों के प्रावधानों  के रूप में  तथा  भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, से संचालित होती है !       
यदि एक उचित परिप्रेक्ष्य में देखा जाये,  तो बोध  होता है कि श्री साहनी जनता के व्यापक हित में एक याचिका प्रस्तुत करना चाहते है l  
पूर्वोक्त के ध्यान में रखते हुए, हम याचिका वापसी की अनुमति देना चाहते है "इस स्वतंत्रता के साथ कि अपील करने के लिए उपयुक्त वाद और एक जनहित याचिका को बनाए रखने के लिए आवश्यक आंकड़ो व तथ्यों सहित एक नई जनहित याचिका दायर कर सके." आदेश: याचिका वापसी अनुमति 310/2011          
श्री सिंह और 9 अन्य आरटीआई कार्यकर्ताओं की आरटीआई द्वारा "नई रुपया प्रतीक डिजाइन प्रतियोगिता की चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार उजागर". इसे यहाँ पढ़ें HERE 
अतीत में कुछ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में भी इस मामले में दी गई सूचना  [Link1] [Link 2].
नोट: आप दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर निर्णय की जांच हेतु HERE में, नीचे की जानकारी का उपयोग कर सकते हैं. 
तो ये है हमारा "प्रतीक प्रारूप, प्रतियोगिता प्रक्रिया" प्रबंधन !  देखते हैं इसकी परिणति- तिलक, संपादक युग दर्पण 
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Delhi High court allows RTI activist Mr. Rakesh Kumar Singh to file PIL against “Indian Rupee symbol selection process”.
Mr. Rakesh Kumar Singh had submitted a LPA petition in the Delhi High Court challenging Delhi HC earlier judgment in which court had refused to entertain his petition challenging selection process of New Indian Rupee Symbol.   leave petition  
After hearing the LPA, Hon'ble Chief Justice and Hon'ble Mr. Justice Sanjiv Khanna of Delhi High Court in their judgment said “We learned senior counsel appearing for the appellant submitted that he may be permitted to withdraw the appeal as he really does not have the grievance solely because the symbol has not been accepted but he intends to challenge the procedural aspects which are adopted by the Union of India at various levels relating to such kind of works which affect various provisions of the Official Languages Act and many other provisions of various statutes as well as Article 14 of the Constitution of India.
If we understand the submission of Mr. Sawhney in a proper perspective, he wants to file a petition in the larger public interest.
In view of the aforesaid, we are inclined to permit the withdrawal of the appeal with liberty to file a Public Interest Litigation with the appropriate pleadings and data which are necessary to sustain a Public Interest Litigation.” Order: LPA 310/2011 
Mr. Singh and nine other RTI activists RTI's exposed CORRUPTION in selection process in New Rupee Symbol design competition. read it HERE 
In past some National daily newspapers had also reported in this matter too [Link1] [Link 2].
Note: You can check the judgment at Delhi High court website HERE using down below information. 
देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास !
हम जो भी कार्य करते हैं परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं,
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