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Wednesday, March 9, 2016

सूखा प्रभावित किसानों हेतु 2536 करोड़: महाराष्ट्र सरकार

सूखा प्रभावित किसानों हेतु 2536 करोड़: महाराष्ट्र सरकार 
तिलक 
09 मार्च 16  
महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र में, राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने आज घोषणा की कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने निरंतर चौथे वर्ष सूखे का सामना कर रहे राज्य के प्रभावित किसानों में 2536 करोड़ रूपए वितरित किए हैं। राव ने दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए सूचित किया और वर्तमान खरीफ मौसम में प्राय: 15750 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने 3049 करोड़ रूपए की राहत सहायता स्वीकृत की है, जो महाराष्ट्र के लिए अब तक की सबसे बड़ी केंद्रीय सहायता है। मेरी सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों के बीच अबतक 2536 करोड़ रूपए वितरित किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने उन लोगों को राहत सहायता देने का निर्णय किया है जिनकी फसलों और घरों को वर्ष 2015 में असमय वर्षा एवं ओलावृष्टि के कारण भारी क्षति पहुंची। केंद्र सराकर ने राज्य आपदा राहत कोष के अंतर्गत राहत सहायता नियम संशोधित किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि तद्नुरूप राज्य सरकार ने पहली अप्रैल, 2015 से वित्तीय सहायता में वृद्धि संबंधी नियम अपनाए हैं। राज्यपाल ने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने उन किसानों के फसल ऋण पर तीन माह का ब्याज मुक्त करने का भी निर्णय लिया है जिनकी फसलें नवंबर-दिसंबर, 2014 और फरवरी-मार्च, 2015 के मध्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते नष्ट हो गयीं।’’
राव ने कहा, ‘‘प्राकृतिक आपदाओं के कारण बार बार फसलों के नष्ट होने पर विचार करते हुए, मेरी सरकार ने फसल ऋण के पुनर्निर्धारण का निर्णय किया, ऋण को ब्याज मुक्त किया, ऋण भुगतान पर स्थगन लगाया। इन निर्णयों के फलस्वरूप बैंकों ने 3500 करोड़ रूपए के फसल ऋण को मध्यम अवधि ऋण में परिवर्तित किया, जिससे प्राय: 5.5 लाख किसान लाभान्वित हुए।’’ उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को सहायता पहुंचाने हेतु वर्तमान बिजली बिल में 33 % छूट दी गई। कृषि संजीवनी योजना, पानी संजीवनी योजना आरम्भ की गयी, जिनसे स्थानीय निकायों की 50 हजार पेयजल योजनाएं लाभान्वित होंगी। उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि में प्राण संचार राज्य के समक्ष बहुत बड़ी चुनौती है। वर्षाजल की हर बूंद का संरक्षण और उसका कृषि के लिए बुद्धिमतापूर्वक उपयोग समय की मांग है। उन्होंने इस संबंध में कई योजनाओं की जानकारी दी। 
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