आइये इसे हम (राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस) के रूप में मनाएं।
मातृभूमि पर शीश चढाने जिस पर जाते वीर अनेक।
*अफ़ज़ल व को फाँसी से बचाने वाले, विदेशी घुसपैठ तथा मदरसे में आतंकी प्रशिक्षण सहित, आजमगढ़ व बटाला हाऊस में जाकर आतंकियों का समर्थन करने वाले, क्या इन वीर सपूतों के हत्यारे नहीं है? *कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपने की बात करने तथा उसका समर्थन करने वाले, क्या इनके अपराधी नहीं?
ये देश को जिताने के लिए अपने प्राणों की बाली चढ़ा देते हैं, तो नेता वोट और सत्ता के लिए देश के शत्रुओं से सौदा करते हैं। और देश को हरा देते हैं।
वीर देश के बाहरी शत्रुओं से, रक्षा में अपने प्राण देते हैं; आइये! हम भी अंदर के इन (नेता) शत्रुओं को सत्ता में आने से रोकने का संकल्प लें। राष्ट द्रोहियों के पाखंड को खंड खंड कर दें।
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक