
सार्वजनिक करने तथा उसके घाव भरने का यह सर्वोचित अवसर है। किन्तु गांधी से राष्ट्रवाद को भी जो क्षति पहुंची उसे दोहराया न जाये, इसके लिए सतर्कता की आवश्यकता है। अखंड राष्ट्रनिष्ठा की भी आवश्यकता है।
जिन्होंने सोने की चिड़िया देश को लूट दुर्गति बनाई, वे ही गरीबों शोषितों की राजनीति के नाम से पाखंड कर हमें भ्रमित न करें। अत: इस समूह में अधिक से अधिक जुड़ें। तथा लेखन से समाज को जगाये रखें। सांस्कृतिक विरासत सहित -
‘‘माता भूमिः पुत्रो ऽहं पृथिव्याः’’
‘उत्तिष्ठित् जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत’
हाँ या न -युदस
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भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
देश की बिगड चुकी दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता |
आओ मिलकर कार्य संस्कृति की दिशा व दशा श्रेष्ठ बनायें-तिलक