आओ मिलकर कार्य संस्कृति की दिशा व दशा श्रेष्ठ बनायें-तिलक
Tuesday, May 31, 2016
कृषि व सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों पर लेखा जोखा
कृषि व सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों पर लेखा जोखा
दि, 31 मई (तिलक)। केंद्र की राजग सरकार की पहली प्राथमिकता कृषि क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियां थीं। सरकार ने इससे निपटने के लिए प्रभावी पहल की है। इन चुनौतियों को दो भागों में बांटक र इनसे निपटने की रणनीति पर अमल करना शुरु किया है। प्रथम - कृषि की लागत मूल्य में निरंतर वृद्धि में कटौती करना और दूसरा- उपज का उचित मूल्य दिलाना है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय को दोगुना करने की घोषणा की है। सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिए कृषि के साथ उससे जुड़े उद्यमों को उच्च प्राथमिकता दे रही है। सिंह मंगलवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
कृषि लागत को घटाने की दिशा में सरकार ने कई उपाय किये हैं। इसके तहत मिट्टी की जांच कर देश के 14 करोड़ किसानों को 'सॉयल हेल्थ कार्ड', जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना, नीम कोटेड यूरिया, उन्नत प्रजाति के बीज एवं रोपण सामग्री और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी आकर्षक योजनाओं के साथ किसानों को खेती के लिए कम दरों पर पर्याप्त कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति में राहत देने के लिए मानकों में परिवर्तन किया गया है, जिससे कि उन्हें क्षति की घड़ी में अच्छी राहत मिल सके। उनके क्षति की उचित भरपाई हो सके, इस हेतु फसल बीमा की विसंगतियां दूर कर, एक नयी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रारंभ की गयी है।
कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में भी सरकार ने ऐतिहासिक पहल की है, जिसमें उसे सफलता भी मिली है। “एक राष्ट्र - एक मंडी’ को सोच को आगे बढ़ाया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि लंबे समय से लंबित मंडी सुधार की प्रक्रिया को गतिशील किया गया है। चालू वित्त वर्ष में ही ई-मंडी की प्रायोगिक परियोजना आरम्भ कर दी गई। इसमें 8 राज्यों की 21 मंडियों को शामिल किया गया। इससे एक ही राज्य की अलग-अलग मंडियों के अलग-अलग नियम व लाइसेंस में एकरूपता लाने में सफलता मिलने लग गई है। अधिकतर राज्यों की ओर से भी राष्ट्रीय मंडी में शामिल होने की सहमति प्राप्त हो गई है। 12 राज्यों के 365 मंडियों की ओर से प्रस्ताव आ चुके हैं। कृषि मंत्रालय ने मार्च 2018 तक देश की 585 मंडियों को ई-प्लेट फार्म पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
श्री सिंह ने बताया कि राज्यों से अपने मंडी कानून में तीन प्रमुख संशोधन करने का कहा गया है। इसमें ई-व्यापार की अनुमति प्रदान करना, दूसरा- मंडी शुल्क का एकल बिंदु पर लागू करना और तीसरा- पूरे राज्य में व्यापार के लिए एकल लाइसेंस प्रदान करना शामिल है। अब तक 17 राज्यों ने इस दिशा में कार्य शुरु कर दिया है। मंडी कानून में सुधार से कृषि उपज के उचित मूल्य मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही सरकार ने सामान्य बजट में इस क्षेत्र के आवंटन को 15,809 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35,984 करोड़ रुपये कर दिया है, जो दोगुना से भी अधिक है। किसानों को सस्ता व रियायती ऋण के लिए सरकार ने कृषि ऋण प्रवाह को तेज करते हुए आवंटन 9 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। किसान क्रेडिट कार्ड, प्राकृतिक आपदा के समय ब्याज में छूट का प्रावधान किया गया है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए प्रभावी पहल की है। इसके तहत खेती के साथ ‘बाड़ी’ को भी बराबर का श्रेय देना शुरु किया गया है। इसमें बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, कुकुट पालन जैसी कई योजनाओं को गतिमय किया गया है। मेंड़ पर पेड़ लगाने के अभियान को तेज करने हेतु एक नयी राष्ट्रीय कृषि वानिकी योजना आरम्भ की गयी है। डेयरी व मत्स्य पालन क्षेत्र की विकास दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। देश की खाद्य सुरक्षा को बनाये रखने के लिए सरकार ने देश के पूर्वी राज्यों में दूसरी हरित क्रांति को तेज किया है। इससे जहां कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायता मिली है, वहीं पूर्वी क्षेत्र के किसानों की वित्तीय सेहत सुधारने में सफलता प्राप्त हुई है। दलहन व तिलहन की खेती को प्रोत्साहित करने की कई योजनाएं आरम्भ की गई हैं ताकि दाल व खाद्य तेल के मामले में आयात निर्भरता को समाप्त किया जा सके।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय की यह पहल रंग लाने लगी है। जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से कृषि व किसानों को संरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किये गये हैं। सूखा व बाढ़ रोधी फसलों की प्रजातियां विकसित की जा रही है। दुग्ध सुरक्षा बनाए रखने के लिए देसी प्रजातियों की गोपालन की योजनाएं शुरु की गई हैं। 29 राज्यों की 35 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गयी है। राज्यों में 14 गोकुल ग्राम की स्थापना की भी स्वीकृति दी गयी है।
कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन की भारी कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने दो नये केन्द्रीय कृषि विश्व विद्यालय एवं इसके तहत 14 नये कृषि महाविद्यालयों के अतिरिक्त कृषि अनुसंधान संस्थानों की स्थापना की गयी है। कृषि वैज्ञानिकों की भर्तियों को प्रोत्साहित किया गया है।
कृषि प्रसार प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने देश के लगभग सभी ग्रामीण जिलों में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्रों को आधुनिक व सभी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
देश की बिगड चुकी दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता |आओ मिलकर कार्य संस्कृति की दिशा व दशा श्रेष्ठ बनायें-तिलक
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Horrific accident… bus-truck collided, fire, 10 killed, 20 injured
Jaipur. Around 10 people were killed and 20 injured in a horrific accident on Monday morning in Lakhasar area of Bikaner city of Rajasthan state. According to the information, the bus and truck collided, after which both vehicles caught fire. It is said that the collision was so strong that both the vehicles flew away, some of the passengers on the bus died on the spot.
There was a scream, a cry, people running -
The bus and truck collided on the Lakhsar-Sridungarpur road near Bikaner at around 6.30 am on Monday morning, after the bomb blast sounded in the area, everyone rushed to the spot. It is said that both vehicles caught fire after the accident, which screamed. The front of the bus entered the truck during the collision. Both vehicles caught fire. The locals quickly extinguished the fire by fetching water from the tubewells. However, during this time many passengers got badly burnt. The injured passengers have been admitted to the nearest hospital.
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भीषण दुर्घटना…बस-ट्रक भिड़ंत, आग, 10 की मौत, 20 घायल
जयपुर। राजस्थान प्रदेश के बीकानेर शहर के लखासर इलाके में सोमवार की सुबह भीषण दुर्घटना में करीब 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 लोगों के घायल होने गए। जानकारी के अनुसार बस और ट्रक की भिड़ंत हुई, जिसके बाद दोनों वाहनों में आग लग गई। बताया जाता है कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गई, बस में सवार यात्रियों में कुछ की मौके पर ही मौत हो गई।
मची चीख-पुकार, दौड़े लोग-
बीकानेर के पास लखासर-श्रीडुंगरपुर मार्ग पर सोमवार की सुबह करीब 6.30 बजे बस और ट्रक की भिड़ंत हुई, बम के धमाके जैसी आवाज सुनकर क्षेत्र में हड़कंप मच गई, सभी लोग मौके पर दौड़े। बताया जाता है कि दुर्घटना के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई, जिसे चीख-पुकार मच गई। टक्कर के दौरान बस का अगला हिस्सा ट्रक में घुस गया। दोनों वाहनों में आग लग गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत ट्यूबवेल से पानी लाकर आग बुझाई। हालांकि, इस दौरान कई यात्री बुरी तरह झुलस गए। जख्मी यात्रियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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