"कार्य ही पूजा है/कर्मण्येव अधिकारस्य मा फलेषु कदाचना" दृष्टान्त का पालन होता नहीं,या होने नहीं दिया जाता जो करते हैं उन्हें प्रोत्साहन की जगह तिरस्कार का दंड भुगतना पड़ता है आजीविका के लिए कुछ लोग व्यवसाय, उद्योग, कृषि से जुडे, कुछ सेवारत हैंरेल, रक्षा सभी का दर्द उपलब्धि, तथा परिस्थितियों सहित कार्यक्षेत्र का दर्पण तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
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Sunday, March 24, 2013

होली की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें,

होली की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें, 
सभी क्षेत्रवासियों, प्रदेशवासियों सहित देश विदेश में बसे समस्त हिन्दू समाज को होली की हार्दिक बधाई, युगदर्पण परिवार YDMS की ओर से हार्दिक शुभकामनायें, 
वन्देमातरम, होली पारंपरिक प्रेम से मनाएं, पारंपरिक पर्वों को अरूचिकर बनाने के विदेशी कुचक्रो से, अभद्रता व नशे को नहीं, सादगी व सोम्यता को अपनाएं। अपनी संस्कृति अपनी धरोहर से राष्ट्र तथा राष्ट्र से ही हम हैं। आधुनिकता फैशन या परम्परा नकारने में नहीं, परम्पराओं  को आधुनिक धरातल देने में है। अपनी संस्कृति के आधुनिक रक्षक बने, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS परिवार में आप भी जुड़ें:-  
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। 
तिलक 9911111611, yugdarpan.com 
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हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
 देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Tuesday, March 5, 2013

2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण- राष्ट्रीय परिषद की बैठक,

2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण- राष्ट्रीय परिषद की बैठक,
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2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण- राष्ट्रीय परिषद की बैठक, तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली, में राज नाथ सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व पुन: ग्रहण करने के पश्चात् प्रथम बैठक में देश के विभिन्न कोनों से आए कार्यकर्ताओं के साथ, इस देश के लोगों की बड़ी अपेक्षाओं के दायित्व की भावना और अधिक चुनौतियों को बांटा। 

शनिवार को नई दिल्ली में शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के उल्लेख के विशेष बिन्दू :
तालियों की गड़गड़ाहट में परिषद के 2200 के आसपास सदस्यों ने मोदी का विशेष स्वागत किया। 
उनके अच्छे शासन की प्रशंसा अम्रीका व् यूरोप सभी ने की विकास मॉडल की अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सराहना की गई है।
* भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी का निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा उचित समय पर लिया जाना चाहिए।
"मुद्रास्फीति की दर और भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की पहचान बन गए हैं।
* सुशासन के मुद्दे पर उत्साहित भाजपा ने कांग्रेस नीत संप्रग को काराविदेश नीति, और आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद, अर्थव्यवस्था में विफल और भ्रष्टाचार में लिप्त संप्रग सरकार को राने का आवाहन किया।  
* सरकार में इच्छा शक्ति नहीं और इन मुद्दों से निपटने के लिए दृढ़ संकल्प का अभाव है।
* मोदी और उसके मध्य प्रदेश समकक्ष शिवराज सिंह चौहान ने संसदीय बोर्ड में शामिल किया जा सकता है। 
भाजपा ने सत्ता में आने पर एक अलग राज्य के रूप में उचित समय में तेलंगाना गठन के लिए वादा किया। 
विश्वास है कि इस वर्ष दो राज्यों में जब विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके छत्तीसगढ़ समकक्ष रमन सिंह का नाम भी लगातार तीन चुनावों में जीत का हो जाएगा।
* बहु - ब्रांड खुदरा क्षेत्र में नीति के रूप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति छोटे व्यापारी  को आघात है, "यह आर्थिक उथल - पुथल लाएगा, जिसे रोकना व हटाना चाहिए। 
* राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली और झारखंड, के आगामी विधानसभा चुनावों तथा 2014 के सामान्य चुनावों में अच्छी तरह से एकजुट होकर लड़ाई के लिए तैयारविजय की मुद्रा में दिखी भाजपा।
** आर्थिक संकल्प ** राजनेतिक संकल्प 
अध्यक्षीय भाषण में राज नाथ सिंह ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक के इस समय दो ऐतिहासिक अवसरों का संयोग व साक्षी मान कहा है, दोस्तों, एक, तीर्थराज प्रयाग का महाकुंभ पर्व और दूसरे पूरा देश स्वामी विवेकानन्द की 150वीं वर्षगाँठ मना रहा है महाकुंभ विश्व में मानव जाति के ज्ञात इतिहास की सबसे बड़ी घटना व इसकी महानता और निरंतरता भारतीय राष्ट्र के जीवन के शाश्वत शक्ति का प्रतीक है स्वामी विवेकानंद ने 1892 में एक युवा सन्यासी के रूप में अमेरिका में केवल 29 वर्ष की आयु में भारतीय धर्म और दर्शन का जो उदघोष  किया और उसने पूरे भारत की चेतना को एक नई ऊर्जा दी थी इसके माध्यम भारत इतिहास की नई करवट लेने लगा और जिसके बारे में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'भारत की डिस्कवरी' (337 पेज) में लिखा है, "विवेकानंद उदास और हतोत्साहित भारतीय मन के लिए एक टॉनिक के रूप में आया था और इसने आत्मनिर्भरता के साथ अतीत की कुछ जड़ों में देखना शुरू कर दिया है"
आज के वैश्वीकरण के युग में युवा, भारत के लिए नई ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहते हैं मुझे विश्वास है कि 19 वीं सदी में एक युवा सन्यासी के रूप में स्वामी विवेकानंद ने भारत को जो वैश्विक मान्यता दिलाई है, तो उस आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्वामी विवेकानंद आधुनिक भारत के प्रथम युवा है, जिसने  वैश्वीकरण समझ कर और इसके अनुसार अपने विचारों को रखा गया था तो राज नाथ सिंह ने इस अवसर पर हमें युवा शक्ति की उर्जा के साथ आध्यात्मिक और राष्ट्रीय गौरव का स्पंदन, जो भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक दर्शन और वैचारिक अधिष्ठान का आधार स्वामी विवेकानंद है, का आभास कराया  इसके साथ महा कुम्भ की मौनी अमावस्या के दिन प्रयाग में कई तीर्थयात्रियों के जीवन खोने और केवल कुछ दिनों पहले हैदराबाद में बम विस्फोट में मारे गए कई निर्दोष लोगों, की कुछ दुखद घटनाओं को संवेदना से व्यक्त किया।
गुजरात विधानसभा में नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में तीसरी क्रमिक जीत के लिए, भाजपा और अन्य पार्टी के शासन के बीच एक उदाहरणीय अंतर दर्शाते मोदी को भी बधाई दे, देश की वर्तमान बहुत गंभीर घृणित स्थिति, आर्थिक कुप्रबंधन, महंगाई, भ्रष्टाचार, असमर्थ प्रशासन, दिशाहीन नीतियों, कूटनीति में विफल और सुस्त आंतरिक और बाह्य सुरक्षा आदि सहित किसी भी क्षेत्र में चुनौतियों के समाधान के लिए भी बोले। देश के जनसामान्य के दैनिक जीवन के साथ, देश के अन्दर व सीमा की चुनौतियो तथा इनसे कांग्रेस नेतृत्व की संप्रग सरकार से क्षुब्ध , निराश व हतोत्साहित देश परिवर्तन व विकल्प चाहता है। ऐसे में विकल्प भाजपा नेतृत्व में राजग है। 
ऐसे में, जब सबसे सम्मानित अटल जी सक्रिय नहीं, सम्मानित आडवाणी जी के मार्गदर्शन के तहत  कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम और हमारे लोकप्रिय और सक्षम नेताओं की रणनीति के साथ, हमारी जीत सुनिश्चित है इसमें कोई संदेह नहीं है
सुरक्षा पर संकट 
इस देश में हैदराबाद में बम विस्फोट आतंकवाद की पहली घटना नहीं है आज यहाँ हर एक बड़ा शहर आतंकवादियों के लक्ष्य पर है। जब 2008 में मुंबई हमले के मद्देनजर आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की अपनी ही नीति, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह मिस्र में शर्म - अल - शेख शहर में यह कह कर त्याग देते हैं कि पाकिस्तान भी भारत की तरह आतंकवाद का शिकार है यूपीए सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई को गंभीर झटका दिया था, व पाकिस्तान के सामने अपने घुटनों को टेक दिया था। आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान से अपेक्षित सहयोग न मिलने पर भी दोस्ती के लिए पीछे -2 भागने की नीति से एक 'नरम राज्य' के रूप में भारत की छवि बनाई गई। जब तक सरकार आतंकवाद के विरुद्ध साहस की भावना के साथ एक कड़ा रुख नहीं लेती, इस देश में आतंकवादी कई शहरों, गाड़ियों, बसों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों लक्ष्य करता है लंबे समय के लिए घटनाओं को रोका नहीं जा सकता । 
आतंकवाद मानवता के विरुद्ध सबसे अमानवीय अपराध है। आतंकवाद को धर्म, विचारधारा के स्तर पर या किसी भी प्रणाली के विरुद्ध के रूप में औचित्य/ समर्थन न ही स्वीकार कर सकते हैं और न ही किया जाना चाहिए । 
युग दर्पण यह मानता है कि इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कहने वाले द्वारा हिन्दू आतंकवाद कह कर वोट बैंक की राजनीति में लिप्त रहना कांग्रेस पार्टी की नीति रही है चाहे वह बाटला हाउस मुठभेड़ के मुद्दे पर या निराधार 26/11 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साजिश का आरोप लगाने वाली पुस्तक का विमोचन किया जाना था, या केंद्र सरकार के गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने जो भी कहा, राष्ट्रीय हितों पर घात, जानकर किया गया राष्ट्रघात है। 
पराकाष्ठा जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, आतंकवाद के कृत्यों में आरोपी व्यक्तियों के घरों पर आँसू बहाने आजमगढ़ पहुंच जाते हैं, किन्तु भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा शहीद हो गए और जिन सैनिकों के सिर कटे थे, उनके गांव का दौरा करने के लिए इनके पास समय नहीं है समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में यूपीए सरकार ने लश्कर के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी थी, जिसके आधार पर अमेरिका ने लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया था, पर उसी के नेता कांग्रेस के रूप में अचानक राजनीतिक कारणों से 'भगवा आतंकवाद' की बात, आरएसएस - के बारे में मनगढ़ंत कहानी द्वारा भ्रमित करना चाहते हैं, तथा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई हराना चाहते है। 
जब गृह मंत्री राजनीतिक कारणों से आतंक के अपने शिविरों में प्रशिक्षण देने के बारे में आरोप गढ़ते हैं, त भारत को आतंकवादी देश घोषित किया जाने के अपने प्रयासों में, लश्कर हाफिज सईद ने पाकिस्तान में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है कांग्रेस पार्टी न तो वैचारिक और न ही मानसिक रूप से आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध के लिए तैयार है केवल भाजपा आतंकवाद के किसी भी धार्मिक रंग देने के पूरी तरह से विरुद्ध है आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ने में सक्षम है
 (जनता से सीधे जुड़े अन्य मुद्दों पर सीधे वीडियो देखें,: राज नाथ सिंह अध्यक्षीय भाषण 2 मार्च 2013-  https://www.youtube.com/watch?v=LYgKW66f7_8&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=48)
सभी वीडियो राष्ट्रीय परिषद-  https://www.youtube.com/playlist?list=PL07E4C2D4718D3CC6
आंतरिक सुरक्षा संकट पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवैध घुसपैठ व नक्सलवा :
अवैध रूप से बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के समूहों से, न केवल पूर्वोत्तर राज्यों के जनसांख्यिकीय रूपरेखा बदल रही है, अपितु इस क्षेत्र में रहने वाले भारतीय नागरिकों के साथ भी (हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं) आर्थिक और प्राकृतिक संसाधनों के लिए हिंसा पर उतारू है जबकि आईएमडीटी अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह भारत पर बाह्य आक्रमण के समकक्ष है तो इन घुसपैठियों की पहचान तथा एक समयबद्ध कार्यक्रम में लौट जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पूर्वोत्तर में बनाया जाना चाहिए सीमा प्रबंधन के लिए एक उचित नीति होनी चाहिए यूपीए सरकार ने अपने राज्य असम में हिंसा के बाद भी सबक नहीं सीखा है पश्चिम बंगाल में 24 परगना जिले में हिंसक घटनाए रहे हैं अब बांग्लादेशी असम से त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में फैल रहे हैं । यह सब भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए उत्पन्न चुनौतियों में एक अंतर्दृष्टि देता है यदि यूपीए सरकार इस संज्ञान में और अवैध घुसपैठ में नकेल नहीं लगाती है तो पूर्वोत्तर आग की लपटों में स्वाहा हो जाएगा। 
   देश का आधा भूभाग नक्सली चपेट में है, एक एकीकृत नीति की और इस के साथ साथ वहाँ नक्सल समस्या को बौद्धिक समर्थन देने वाले चरम वामपंथी बुद्धिजीवियों को बौद्धिक स्तर पर नियंत्रित की आवश्यकता है
आर्थिक प्रस्ताव पूरा पदें,/ 
वीडियो https://www.youtube.com/playlist?list=PL8Z1OKiWzyBH5cYSl-5k2QwQ-UT5oyRRH
राजनैतिक प्रस्ताव 
भाजपा सुशासन व अन्य वर्गपूरा पदें,/ 

वीडियो https://www.youtube.com/watch?v=CiK-iG_mFL4&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=52


आर्थिक कुप्रबंधन (संप्रग) /विकास (राजग)

कार्यकर्त्ता और संगठन
भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्त्ता आधारित संगठन है आज भी देश के लोगों को हम सभी कार्यकर्त्ताओं से एक अद्वितीय और प्रतिष्ठित आचरण आपेक्षित है हम सभी उत्साही कार्यकर्त्ता पार्टी और देश के लिए कुछ करना चाहते हैं परन्तु राजनीति में, गरिमा और आत्म संयम का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है राजनीति में एक सूक्ष्म बात छिपी है कि एक व्यक्ति राजनीति में उच्च स्थान केवल इसलिए नहीं पा लेता है, कि उसने क्या क्या किया, बल्कि इसलिए अधिक बनता है, कि राजनीति में रहते हुए क्या किया जा सकता थापरन्तु नहीं किया या दूसरे शब्दों में अवसर और लालच होने के बाद भी क्या वह संयम रखता है । इस देश की जनता भाजपा कार्यकर्त्ता के, क्या नहीं किया जाना चाहिए के पक्ष पर, अधिक संवेदनशील रहती हैं
अंत में संगठनात्मक मूल मंत्र के बारे में राज नाथ सिंह ने कहा :-
यदि हम इसे सारांश में कहें, तो कार्यकर्त्ता के लिए संगठनात्मक मूल मंत्र होना चाहिए:-
व्यक्तिगत स्तर पर 'आत्म संयम'
संगठनात्मक स्तर पर 'समन्वय'
सामाजिक स्तर पर 'सेवा और संघर्ष
राष्ट्र के स्तर पर 'समर्पण'.
तो, संयम, समन्वय, संघर्ष, और समर्पण हमारे संगठनात्मक मूल मंत्र होना चाहिए.
राज नाथ सिंह ने कहा, भारत माता के चरणों में समर्पित देश के अत्यंत दुर्लभ और समर्पित कार्यकर्त्ता समूह से युक्त पार्टी संगठन, को रामचरितमानस से एक उदाहरण दिया कैसे हनुमान जी लंका जा कर सीता माता को दुखी व मुक्त होने के प्रति शंकित जानकर आश्वस्त करते हैं कि अकेले सक्षम होने पर भी, अपने समाज व प्रभु की महिमा के लिए इस कार्य को सबके साथ मिल कर करना चाहते हैं।
हनुमान जी की तरह हमारे सभी कार्य एकजुटता की भावना के साथ पूरे संगठन और हमारे भक्ति का केंद्र इस देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए
आने वाले चुनावों
दोस्तों, वर्ष 2013 हमारे लिए महत्वपूर्ण है कुछ ही महीनों में कर्नाटक में चुनाव  हैं  इस वर्ष के नवंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में चुनाव  हैं संभवत: झारखंड में चुनाव भी इस वर्ष हो सकता है यह सभी राज्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं लोकसभा के लिए चुनाव किसी भी समय हो सकता है हो सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय परिषद की यह अन्तिम बैठक है यह स्पष्ट है कि बैठक के बाद हम सभी कार्यकर्त्ता अपने - अपने क्षेत्र में लोकसभा के लिए तैयारी में, सभी चुनावों में जीत के संकल्प के साथ, और अंत में लोकसभा चुनावों में दिल्ली विजय का संकल्प लिए, हम घर के लिए प्रस्थान करेंगे 
भारत माता की जय!
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Monday, February 11, 2013

महा कुंभ कुंप्रबंधन त्रासदी 2013.

महा कुंभ कुंप्रबंध त्रासदी 2013.

कुंभ में पवित्र स्नान के बाद स्टेशन पर कुंप्रबंध त्रासदी में 10 से 20, तीर्थयात्री मारे गए 

आज रात यहाँ महा कुंभ के 12 वर्षीय चक्र में सबसे शुभ दिन एक 'मौनी अमावस्या', के तीन करोड़ से अधिक लोगों को पवित्र स्नान के बाद, हजारों तीर्थयात्रियों के लौटने के साथ; इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में कम से कम 36 लोग मारे गए और कई दुर्घटना में घायल हो गए थे
मंडल रेल प्रबंधक हरिंदर राव के अनुसार, जब प्लेटफार्म 5 और 6 की भीड़ को व्यवस्थित करने हेतु पंक्तिबद्द करने 7 बजे में भगदड़ हुई। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि लाठीचार्ज  शुरू हो गया था, जो त्रासदी के घटक थे। जिसमे 10 लोग मारे गए और कई दुर्घटना में घायल हो गए थे बाद में संख्या 36 तक पहुच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया था किन्तु राव ने कहा कि जब यात्रियों को एक लाइन में खड़ा किया जा रहा था कि भीड़ को नियंत्रण में लाने के बीच घटना हो गई फुट ओवर ब्रिज के लिए अग्रणी रेलिंग ध्वस्त हुआ   
उन्होंने कहा यह भी कि यात्रियों अटर एक ट्रेन के आगमन के बारे में सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली पर एक सूचना के पश्चात् एक अचानक उछाल था। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह त्रासदी में जीवन के नुकसान पर शोक जताया और रेलवे मंत्रालय को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है । सिंह ने केंद्रीय सरकार के विभागों का भी राहत कार्यों में उत्तर प्रदेश सरकार को हर संभव सहायता का विस्तार.करने के लिए निर्देशन दिए है 
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Tuesday, January 22, 2013

कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र

कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र  Like, comment, copypaste, tag 50 frnds


देश की कोई दुर्दशा पर भी, जब सत्ता की नींद न खोले;
सब जनता इनसे त्रस्त होके, जब अपने मुख से बोले
आतंकियों को बिरयानी व निहत्थों पर लाठी चलवायें;
इस तन्त्र को गणतंत्र मान, कहो भला अब कैसे मनाएं?
सत्ता इसके तन्त्र व बिकाऊ मीडिया को देना है धिक्कार;
सबसे पहले, स्वतंत्रता व गणतंत्रता दिवस का बहिष्कार
अधिनायकवादी सत्ता का विरोध, अपना है सदा अधिकार; 
क्या आपभी मेरी बातसे सहमत हैं और है यह स्वीकार-तिलक 
सत्य का तथ्य 
पहले जयचंद सा गद्दार, कभी कोई होता था !
ज हर ओर उन जैसों का आभास होता है
एक छिद्र मात्र से, नौका को डूबा देते हैं;
छननी की नौका, बनाने की सोच लेते हैं !
तुरंत डुबाने के इसी कुचक्र से उपजी कांग्रेस;
का जनक था, ए ओ ह्यूम नामक एक अंग्रेज । -तिलक 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
 देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

Friday, January 4, 2013

स्वामी विवेकानन्द 150 वीं जयंती वर्ष

Jagran Patrak

Swami Vivekananda 150th Jayantiस्वामी विवेकानन्द 150 वीं जयंती वर्ष

12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014



स्वामी विवेकानन्द को भारत में सब कोई जानते हैं। नरेन्द्र विश्वनाथ दत्त (स्वामी विवेकानन्द) का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। उनके महाविद्यालय में पढ़ते समय ही उनके पिताजी का निधन होने से सारे परिवार को दुःख और दरिद्रता का सामना करना पड़ा। बेकारी, गरीबी और भूख से ग्रस्त ऐसी स्थिति में भी ईश्वर को जानने की उनकी इच्छा तीव्र बनी रही। इस स्थिति में उनका संपर्क श्रीरामकृष्ण परमहंस के साथ हुआ। एक बार जब उन्होंने गुरु श्रीरामकृष्ण परमहंस से मोक्ष के बारे में पूछा तो गुरु ने कहा, ‘‘तू कितना स्वार्थी है रे! केवल स्वयं के बारे में सोचता है! तुझे तो माँ का कार्य करना है!’’
दिव्य अनुभूति की स्थिति में श्रीरामकृष्ण परमहंस ने कहा था, शिव भाव से जीव सेवा। सारे समाज में ही ईश्वर है, प्रत्येक व्यक्ति में ईश्वर है और उसकी सेवा ही पूजा है। सारे विश्व में ईश्वर है यह सत्य होते हुए भी हम इसे जानते नहीं है। इसका अनुभव लेना और इसके अनुसार आचरण तथा व्यवहार करना ही धर्म है। और यह अनुभूति देनेवाला धर्म ही भारत का प्राणस्वर है, भारत की आत्मा है।
अपना भारतीय समाज कैसा है यह समझने के लिए स्वामी विवेकानन्द ने सम्पूर्ण भारत की परिक्रमा की। वे किसान, मजदूर, व्यापारी, उद्योजक, कलाकार, विद्वान, सरदार, राजा-महाराजा सभी को मिले। वे कभी राजमहलों में, महलों में, बंगलों में तो कभी कुटिया में, झुग्गी में, गरीब बस्ती में तो कभी सड़क के किनारे पेड़ के नीचे भी रहे। भारत के गरीब, दीन, पिछड़े समाज को देखकर वे बहुत व्यथित हुए।
उनके मन में विचार आया कि क्या करने से इनकी स्थिति में सुधार होगा? क्या करने से इनके लिए रोटी, कपड़ा, मकान आदि मूलभूत आवश्यकताएँ सहज उपलब्ध होंगी? क्या करने से इनमें विश्वास जगेगा? इस तरह दुखी, चिंतित, अस्वस्थ मन से वे घूमते-घूमते कन्याकुमारी पहुँचे। भारत का उत्थान कैसे होगा यह एक ही विचार उनके मन में भरा था।
मैं क्या कर सकता हूँ? मुझे क्या करना है? इसी विचार में वे समुद्र के बीच स्थित श्रीपाद शिला पर तैरते हुए गये। तीन दिन... पूरे 72 घंटे वे वहाँ ध्यानस्थ गौरव, सुख-समृद्धि और वर्तमान की दीन, गुलामी की अवस्था उनकी नजर के सामने थी। उन्होंने भारत की शक्ति के बारे में सोचा।
ईश्वर सर्वत्र है, यह पूरा अस्तित्व एकात्म है, परमात्मा से जुड़ा हुआ है। भारत का यह आध्यात्मिक ज्ञान ही भारत की शक्ति है। भारत पुण्यभूमि है, तपोभूमि है। दीन, पिछडे़, गरीब सभी में ईश्वर है। इनकी भूली हुई इस शक्ति को इनके ह्रदय में जगाना होगा। यही मेरा जीवन कार्य रहेगा। इनकी सेवा ही मेरे जीवन की योजना होगी। यही था स्वामीजी को अपने गुरु ने बताया हुआ माँ का कार्य।
परदेश में जाकर अपने देशवासियों के लिए मैं क्या कर सकता हूँ, यह विचार उनके मन में आया। 1893 में
अमेरिका के शिकागो में होने वाले सर्व धर्म परिषद में भाग लेने वे अमेरिका गये। दुर्भाग्यवश, उस समिति का पता उनके पास से खो गया। रातभर रेल के माल यार्ड में पड़े एक बड़े बक्से में रहे। कोई सहायता नहीं मिली। नीग्रो, काला कु त्ता  आदि अपमानजनक शब्द मिले। फिर भी प्रयास नहीं छोडा।
स्वामीजी ने शिकागो में दिए व्याख्यान के कारण वे दुनिया में मशहूर हुए। अमेरिका में सुख-सुविधाओं से युक्त अलीशान महलों में उनका निवास था। पर अपने दीन, दरिद्री देशबांधवों की स्मृतिकर वे सो नहीं पाए। रात भर रोते रहे। मैं यहाँ वैभव, सुख-सुविधाओं में! और मेरे देश बांधव कैसी पीड़ा, दुःख और अभाव में जी रहे हैं! क्या करने से इनका दुःख, इनकी पीड़ा दूर होगी? इस विचार से वे रात भर तड़पते रहे, रोते रहे, जैसे माँ अपने बच्चे के लिए तड़पती है। धर्म अनुभूति में है, मत में नहीं। सभी मार्ग एक ही गंतव्य की ओर जाते हैं। सबका स्वीकार, तिरस्कार नहीं। सब से स्नेह, घृणा या ईष्र्या नहीं। उन्होंने विश्व परिवार का विचार बताया। विश्वबंधुत्व का सन्देश दिया। दुनिया में परिवार के समान स्नेह और भाईचारा हो, यह बताया। भौतिकता, गलत विचार की धर्मांधता के कारण मानव समाज में अशांति, हिंसा बढे़गी और इस सब के लिये उपाय आध्यात्मिकता ही हो सकती है। इसलिए भारत को जाग्रत होना होगा, समर्थ होना होगा।
पश्चिम के देशों से भी वे भारत के लिए एक उपहार लेकर आये - संगठन। संगठित होकर हम समाज की, वंचित भारत की सेवा करेंगे। संगठित होकर उनका दुःख और अभाव दूर करने का प्रयास करेंगे। यही होगा हमारा कार्य! और इसका सूत्र रहेगा- त्याग और सेवा! समाज के लिए समय निकाल कर समाज की सेवा करना। अपने जीवन में स्वयं के सुख का, काम का त्याग करें और वही समय तथा शक्ति सेवा कार्य में लगाएं।
इस वर्ष (2013.2014) स्वामी विवेकानन्द जन्म का सार्धशती समारोह संपन्न हो रहाहै। इस समारोह में सम्मिलित होकर इसके आयोजन में, प्रचार में, संपर्क अभियान में सहभागी होना है।
इस निमित्त छोटे-छोटे कार्य समाज की सेवा के लिये करने हैं। दूसरों के दुःख, कष्ट दूर करने हैं। अपना सुख बाद में। समाज के कल्याण का कार्य करना ही ईश्वर प्राप्ति है। मनःशांति का यही मार्ग है। यही अध्यात्म है, धर्म है। इसे अपने और सभी के जीवन में लाना है।
यह कार्य युवकों के द्वारा ही होगा यह सोच कर अमेरिका से भारत लौटकर उन्होंने कोलम्बो से अल्मोड़ा तक प्रवास किया। अपने व्याख्यानों से देशभर के युवकों को प्रेरित किया। उनके विचार ही अनेक युवकों के जीवन के सूत्र बने। वे कहते थे -
‘‘मेरा विश्वास आधुनिक युवा पीढ़ी में है। इन्ही में से मेरे कार्यकर्ता आएँगे और सिंह के समान पुरुषार्थ कर सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।’’ - ऐसा था उनका युवकों पर विश्वास।
महिलाऐं शक्तिस्वरूपा हैं। वे कहते थे- “ऐसा क्यों है कि हमारा देश सभी देशों में कमजोर और पिछड़ा है? क्योंकि यहाँ शक्ति की अवहेलना होती है, शक्ति का अपमान होता है।’’
शिक्षा के बारे में उन्होंने कहा- ‘‘हमें एैसी शिक्षा की आवश्यकता है जिससे चरित्र निर्माण हो, मानसिक शक्ति बढे, बुद्धी विकसित हो और मनुष्य अपने पैरों पर खडा होना सीखे।’’
राजाओं, महाराजाओं, सरदारों और बुद्धिजीवियों को उन्होंने समाज की सेवा के लिए प्रेरित किया। उद्योग के साथ रोजगार और समृद्धि आयेगी यह सोच कर टाटा जैसे उद्योगकों को विज्ञान, तंत्रज्ञान के अध्ययन के लिए प्रेरणा दी।
एक बार कुछ युवा स्वामीजी से मिलने आये। युवकों ने पूँछा, ‘‘धर्म क्या है?’’ स्वामीजी ने कहा, ‘‘गुलामों के लिए कहाँ का धर्म? पहले स्वतंत्र बनो।’’ स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारक नेता जैसे तिलक, गांधी, नेहरु, सुभाषचंद्र बोस आदि सभी की प्रेरणा स्वामी विवेकानन्द थे।
स्वामी विवेकानन्द का कार्य आज भी चल रहा है। अनेक व्यक्ति, संस्था और संगठन इस कार्य में लगे हैं। उसीका परिणाम है कि भारत जाग रहा है, विश्वास के साथ खड़ा हो रहा है। बहुत सारा अच्छा हुआ है - हो रहा है।
परन्तु यह पर्याप्त नहीं है। जीवन की, विकास की दिशा में आज भी पश्चिमी अनुकरण हो रहा है। अभी भी बहुत सारे देहातों में, झुग्गियों में हालात अच्छे नहीं है। व्यक्तिवादिता हावी होने के कारण अच्छाई का, नैतिकता का ह्रास दिख रहा है। इसलिये स्वामी विवेकानन्द ने जो कार्य शुरू किया है उसे समझना होगा, आगे बढ़ाना होगा।
‘‘स्वामी विवेकानन्द की 150 वीं जयंती’’- यह उचित अवसर है कि स्वामीजी का, उनके विचारों का परिचय युवकों, किशोरी, महिलाओं, ग्राम तथा गिरिवासिओं, समाज के प्रबुद्ध वर्ग को, सभी को हो।
आइये! पूरे जोश और उत्साह के साथ इस पवित्र राष्ट्रकार्य में जुट जाएँ! स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह हम सभी मिलकर मनाएँगे, समाज के हर वर्ग को जगाएँगे और भारत का, पूरे विश्व का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करने का जो नियत कार्य है उसके लिये उसे सक्षम बनायेंगे।

भारत जागो! विश्व जगाओ!!

हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक

श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत मेला,

http://youtu.be/o7QRyRyQPIs?t=59m57s
:: श्री  नरेन्द्र  मोदी  का  स्वागत, गुजरात में तीसरी बार विजय का मोदी मेला, 11 अशोक रोड, न दि. में 25.दिस.,2012.
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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Wednesday, December 26, 2012

अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं

अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं

हिंदी, Bangla, Tamil, Telugu, malmkannad, Odiya, Gujrati, Gumu, Eng... 

 "अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; 
(गुलामी के संकेत/हस्ताक्षर, जो मनाना चाहें)
उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; 
चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें
घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; 
आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; 
विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " 
जनवरी 2013, ही क्यों ? वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, 
भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, 
हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! 
इन्ही शुभकामनाओं के साथ, भवदीय.. तिलक 
संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. YDMS 09911111611. 

Bangla... 

 অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং 

 "অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং; (দাসত্ব সংকেত / সাইন, যা তুষ্ট হতে পারে) উমংগ উত্সাহ, চাহে জিতনা দিখাএঁ; চৈত্র কে নব রাত্রে, জব জব ভী আযেং; ঘর ঘর সজাএঁ, উমংগ কে দীপক জলাএং; আনংদ সে, ব্রহ্মাণ্ড তক কো মহকাএং; বিশ্ব মেং, ভারত কা গৌরব বঢাএং "জানুয়ারি 1, 2013,হী কেন ? বর্ষ কে 365 দিন হী মংগলময হোং, ভারত ভ্রষ্টাচার ব আতংকবাদ সে মুক্ত হো, হম অপনে আদর্শ ব সংস্কৃতি কো পুনর্প্রতিষ্ঠিত কর সকেং ! ইন্হী শুভকামনাওং কে সাথ, ভবদীয.. তিলক সংপাদক যুগদর্পণ রাষ্ট্রীয সাপ্তাহিক হিংদী সমাচার-পত্র. YDMS 09911111611. 
Tamil... "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்"
 "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்; (மயக்க இது அடிமைத்தன சமிக்ஞை / அடையாளம்,) உமங்க் உட்சாஹ், சாஹெ சித்னா டிக்ஹாஎன்; செட்ர் கே நவ்ராற்றே, ஜப் ஜப் பீ ஆயேன்; கர் கர் சஜாயேன், உமாங் கே தீபக் ஜலாயேன்; ஆனந்த சே, பிராமாந்து தக் கோ மஹ்காயென்; விஷ்வ மீ, பாரத் கா கௌரவ் படாஎன். "ஜனவரி 1, 2013, ஏன்ஒரே ஒரு? வ வர்ஷ் கே 365 டின் ஹாய் மங்கலமாய் ஹோண், பாரத் பிராஷ்டாச்சர் வ ஆடன்க்வாத் சே முகத் ஹோ, ஹம அப்னே ஆதர்ஷ் வ சன்ச்க்ருடி கோ புன்ர்ப்ரடிஷ்திட் கற் சகேன் ! இன்ஹி சுபா காமனாஒன் கே சாத், பாவ்டிய.. திலக் சம்பாடக் யுக டர்பன் ராஷ்ட்ரிய சப்டாஹிக் ஹிந்தி சமாச்சார்-பற்ற. YDMS 09911111611.
 Eng.  "One may celebrate even English New Year, (Slavery signal / sign, you may coax) with exaltation and excitement; Chaitra Nav Ratre whenever it comes; decorate house, enlighten with lamps of exaltation; enjoy, even enrich the universe with Happiness; Increase the India's pride in the world, Why January 1, 2013, alone ? All the 365 days of the year are Auspicious, May India be free of corruption and terrorism, we can ReEstablish Ideals, values and culture ! with these good wishes, Sincerely .. Tilak editor YugDarpan Hindi national weekly newspaper. YDMS 09,911,111,611.
 Odiya ..not getting ? 
 "Angrejee kaa nav-varsh, bhale hi manaayen; (Gulaami ke sanket /  , jo  manana  chahen ? umang utsaah, chaahe jitnaa dikhaayen; chetr ke nav-raatre, jab jab bhi aayen; ghar ghar sajaayen, umang ke deepak jalaayen; Aanand se, brahmaand tak ko mahkaayen; Vishva me, Bhaarat kaa gaurav badaayen." matr 1 Jan 2013, hi kyon ? varsh ke 365 din hi mangalmay hon, Bhaarat bhrashtaachar v aatankvaad se mukt ho, ham apne aadarsh v sanskruti ko punrpratishthit kar saken ! inhi shubhakaamanaaon ke saath, bhavdiya.. Tilak Sampaadak Yug Darpan Raashtriya Saptaahik Hindi Samaachar-Patra. YDMS 09911111611.
 Telugu "అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; 
"అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; (పొగడ్తలు ఇది బానిసత్వం సిగ్నల్ / గుర్తు) ఉమంగ్ ఉత్సః, చాహే జితనా దిఖాఎన్; చేతర్ కె నవరాత్రు, జబ జబ భి ఆయెన్; ఘర్ ఘర్ సజాఎన్, ఉమంగ్ కె దీపక్ జలాఎన్; ఆనంద్ సే, బ్రహ్మాండ్ తక కో మహ్కాఎన్; విశ్వ మే, భారత్ కా గౌరవ్ బదాఎన్. " జనవరి 1, 2013, ఎందుకు మాత్రమే  వ వర్ష కె 365 దిన్ హాయ్ మంగల్మి హాన్, భారత్ భ్రష్టాచార్ వ ఆటన్క్వాద్ సే ముక్త  హో, హం అపనే ఆదర్శ్ వ సంస్కృతి కో పున్ర్ప్రతిశ్తిట్ కర్ సకేన్ ! ఇంహి శుభాకామనావున్ కె సాత్, భవదీయ.. తిలక్ సంపాదక్ యుగ దర్పన్ రాష్ట్రీయ సప్తాహిక్ హిందీ సమాచార్-పాత్ర. YDMS 09911111611.
 Gujrati અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; 
"અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; (સ્લેવરી સિગ્નલ / સાઇન છે, કે જે મનાવવું શકે છે) ઉમંગ ઉત્સાહ, ચાહે જીતના દીખાયેન; ચેત્ર કે નવરાત્રે, જબ જબ ભી આયેન; ઘર ઘર સજાયેન, ઉમંગ કે દિપક જલાયેન; આનંદ સે, બ્રહ્માંડ તક કો મહ્કાયેન; વિશ્વ મેં, ભારત કા ગૌરવ  બદાયેન. "માત્ર જાન્યુઆરી 1, 2013, શા માટે? વર્ષ કે 365 દિન હી મંગલમય હોં, ભારત ભ્રષ્ટાચાર વ આતંકવાદ સે મુક્ત હો, હમ અપને આદર્શ વ સંસ્કૃતિ કો પુન્ર્પ્રતીશ્થીત કર સકેં ! ઇન્હી શુભકામનાઓન કે સાથ, ભવદીય.. તિલક સંપાદક યુગ દર્પણ રાષ્ટ્રીય સાપ્તાહિક હિન્દી સમાચાર -પત્ર.YDMS 09911111611.
 kannad "ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; 
"ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; (ಏಕಾಕ್ಷ ಇದು ಗುಲಾಮಗಿರಿ ಸಂಕೇತ / ಸೈನ್) ಉಮಂಗ್ ಉತ್ಸಃ, ಚಾಹೆ ಜಿತನಾ ದಿಖಾಯೇನ್; ಚೆತ್ರ್ ಕೆ ನವ್ರಾತ್ರೆ, ಜಬ್ ಜಬ್ ಭಿ ಆಯೇನ್; ಘರ್ ಘರ್ ಸಜಾಯೇನ್, ಉಮಂಗ್ ಕೆ ದೀಪಕ್ ಜಲಾಯೇನ್; ಆನಂದ್ ಸೆ, ಬ್ರಹ್ಮಾಂದ್ ತಕ ಕೊ ಮಹ್ಕಾಯೇನ್; ವಿಶ್ವ ಮೇ, ಭಾರತ ಕಾ ಗೌರವ್ ಬದಾಯೇನ್. "ಜನವರಿ 1, 2013, ಏಕೆ ಮಾತ್ರ ವ ವರ್ಷ ಕೆ 365 ದೀನ್ ಹಿ ಮಂಗಲ್ಮಿ ಹೊಂ, ಭಾರತ ಭ್ರಷ್ತಾಚರ್ ವ ಆತಂಕ್ವಾದ್ ಸೆ ಮುಕ್ತ ಹೊ, ಹಮ್ ಅಪನೇ ಆದರ್ಶ್ ವ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕೊ ಪುನ್ರ್ಪ್ರತಿಷ್ಟ್ಹತ್  ಕರ್  ಸಕೆನ್ ! ಇನ್ಹಿ ಶುಭಕಾಮನಾಒನ್ ಕೆ ಸಾಥ್, ಭಾವ್ದಿಯ.. ತಿಲಕ್ ಸಂಪಾಡಕ್ ಯುಗ ದರ್ಪಣ್ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸಪ್ತಾಹಿಕ್ ಹಿಂದಿ ಸಮಾಚಾರ್ -ಪತ್ರ . YDMS 09911111611.
 Gumu. "ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ
"ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ, ਗੁਲਾਮੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ /ਸੰਕੇਤ, ਉਮੰਗ ਉਤਸਾਹ ਚਾਹੇ ਜਿਤਨਾ ਦਿਖਾਓ; ਚੇਤਰ ਦੇ ਨਵਰਾਤਰੇ ਜਦ ਜਦ ਵੀ ਆਉਣ; ਘਰ ਘਰ ਸਜਾਓ, ਉਮੰਗ ਦੇ ਦੀਪਕ ਜਲਾਓ; ਆਨਾਨਾਦ ਨਾ ਬ੍ਰਹ੍ਮਾੰਡ ਨੂ ਮਹ੍ਕਾਓ, ਵਿਸ਼ਵ ਵਿਚ, ਭਾਰਤ ਦਾ ਗ਼ੋਰਾਵ ਵਧਾਓ. "1 ਜਨ. 2013 ਹ ਕਯੋਂ ? ਵ ਵਰ੍ਸ਼ ਦੇ 365 ਦਿਨ ਹੀ ਮੰਗਲ ਮਯ ਹੋਣ, ਭ੍ਰਸ਼੍ਟਾਚਾਰ ਤੇ ਆਤੰਕ ਵਾਦ ਤੋਂ ਭਾਰਤ ਮੁਕਤ ਹੋਵੇ, ਅਸਾਂ ਆਪਣੇ ਆਦਰ੍ਸ਼ ਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤਿ ਨੂੰ ਫੇਰ ਸ੍ਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਿਏ ! ਇਨਹਾਂ ਸ਼ੁਭ ਕਾਮਨਾਵਾਂ ਦੇ ਨਾਲ, ਆਪਦਾ.. ਤਿਲਕ -ਸੰਪਾਦਕ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, ਰਾਸ਼੍ਟ੍ਰੀਯ ਸਾਪ੍ਤਾਹਿਕ ਸਮਾਚਾਰ ਪਤ੍ਰ. YDMS 09911111611.
 malm "അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; 
"അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; (ഗുലാമി ക പ്രറ്റീക്/സന്കെറ്റ്, ജോ മനന ചാഹെ) ഉമന്ഗ് ഉറ്റ്സാഹ്, ചാഹെ ജിതനാ ദിഖയെന്‍; ചേട്ര്‍ കെ നവ്രട്രെ, ജബ് ജബ് ഭീ ആയെന്‍; ഘര്‍ ഘര്‍ സജായെന്‍, ഉമന്ഗ് കെ ദീപക് ജലായെന്‍; ആനന്ദ് സെ, ബ്രഹ്മാന്ദ് ടാക് കോ മഹാകായെന്‍; വിശ്വ് മി, ഭാരത കാ ഗൌരവ് ബടായെന്‍. "ഐ ജന. 2013 ഹി ക്യോന്‍? വ വര്‍ഷ കെ 365 ദിന്‍ ഹി മങ്ങല്‍മി ഹോണ്‍, ഭാരത ഭ്രാഷ്ടാചാര്‍ വ ആടങ്ക്വാദ് സെ മുക്റ്റ് ഹോ, ഹാം അപ്നെ ആദര്‍ശ് വ സന്സ്ക്രുടി കോ പുന്ര്പ്രടിശ്തിറ്റ് കാര്‍ സകെന്‍ ! ഇന്ഹി ശുഭ കാമ്നാഒന്‌ കെ സാത്, ഭവദീയ.. തിളക് സംപാടാക് യുഗ്ദാര്പന്‍ രാഷ്ട്രീയ ഹിന്ദി സമാചാര്‍ പടര്‍. YDMS 09911111611.

पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं | देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक