कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र Like, comment, copypaste, tag 50 frnds
देश की कोई दुर्दशा पर भी, जब सत्ता की नींद न खोले;
सब जनता इनसे त्रस्त होके, जब अपने मुख से बोले।
आतंकियों को बिरयानी व निहत्थों पर लाठी चलवायें;
इस तन्त्र को गणतंत्र मान, कहो भला अब कैसे मनाएं?
सत्ता इसके तन्त्र व बिकाऊ मीडिया को देना है धिक्कार;
सबसे पहले, स्वतंत्रता व गणतंत्रता दिवस का बहिष्कार।।
अधिनायकवादी सत्ता का विरोध, अपना है सदा अधिकार;
क्या आपभी मेरी बातसे सहमत हैं और है यह स्वीकार-तिलक
सत्य का तथ्य
पहले जयचंद सा गद्दार, कभी कोई होता था !
आज हर ओर उन जैसों का आभास होता है।
एक छिद्र मात्र से, नौका को डूबा देते हैं;
छननी की नौका, बनाने की सोच लेते हैं !
तुरंत डुबाने के इसी कुचक्र से उपजी कांग्रेस;
का जनक था, ए ओ ह्यूम नामक एक अंग्रेज । -तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण |
संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता |
आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक
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