अपने भाषण के आरम्भ में मोदी ने बैठक में उद्योगपतियों को स्थान नहीं मिलने पर क्षमा मांगी। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने विदेश पलायन को रोकने पर बल दिया। साथ ही कहा कि उद्योगपतियों को सरकार पर विश्वास करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश की जनता हाथों की शक्ति को बढ़ाना हम सभी का दायित्व है।
मोदी ने देश के विकास के लिए राज्यों से केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भी आहवान किया। उन्होंने कहा कि यदि राज्यों का विकास होगा या वहां उद्योग लगेंगे, तो यह देश का ही विकास है। मोदी ने कहा कि राज्यों के रास्ते ही देश का विकास संभव है। मंच से उन्होंने अपनी सरकार और अपनी प्रशासनिक व्यवस्था की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करने वाले वाले सभी अधिकारी उनसे अधिक सकारात्मक सोच वाले हैं जो एक कदम आगे बढ़कर काम करते हैं। उन्होंने देश और विदेश के उद्योगपतियों से भारत के विकास में सहयोग करने की अपील की। किसी भी उद्योग के लिए सबसे बड़ी बाधा होती है नीति और नियमन के नाम पर अड़ंगेबाजी। सरकार ने इसके लिए 'इन्वेस्ट इंडिया' नाम का प्रकोष्ठ बनाया है, जो इस मामले में विदेशी निवेशकों का मार्गदर्शन करेगा।
कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अभियान और केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को वहां उपस्थित उद्योगपतियों के समक्ष प्रस्तुत, 30 देशों की 3000 कंपनियों को भारत में उत्पादन के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान के तहत लालफीताशाही से छुटकारा पाना सरकार का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम में उपस्थित देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी और कुमार मंगलम बिड़ला ने केंद्र के इस अभियान की जमकर प्रशंसा की है। इन दोनों उद्योगपतियों का मानना है कि इस अभियान से देश में विकास की गति तीव्र होगी। अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी अगले डेढ़ वर्ष में सवा लाख रोजगार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि मोदी का प्र मं बनना देश का सौभाग्य है, वो सपने देखते हैं और उसे पूरा करते हैं. और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस कार्यक्रम में प्राय: तीस देशों के उद्योगपति भाग ले रहे हैं।
अग्रणी देश बन सकता है।
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
देश की बिगड चुकी दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता |
आओ मिलकर कार्य संस्कृति की दिशा व दशा श्रेष्ठ बनायें-तिलक