"भारतीय रुपया, प्रतीक चयन प्रक्रिया" के विरुद्ध जनहित याचिका, आरटीआई कार्यकर्ता श्री राकेश कुमार सिंह को अनुमति, -दि.उ.न्या.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरटीआई कार्यकर्ता श्री राकेश कुमार सिंह "भारतीय रुपया प्रतीक चयन प्रक्रिया" के विरुद्ध जनहित याचिका फाइल करने के लिए अनुमति दी है.
श्री राकेश कुमार सिंह ने अपनी पूर्व याचिका "भारतीय रुपया, नव प्रतीक चयन प्रक्रिया" पर संज्ञान लेने से मना करने के, दिल्ली उच्च न्यायालय के पहले निर्णय को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में ही, याचिका वापसी आवेदन अनुमति हेतु प्रस्तुत की है l
याचिका वापसी आवेदन सुनने के बाद, माननीय मुख्य न्यायाधीश और दिल्ली उच्च न्यायालय के माननीय श्री न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने, अपने निर्णय में कहा, कि हम अपीलार्थी लिए उपस्थित होने वाले वरिष्ठ वकील द्वारा प्रस्तुत की गई, याचिका के अनुसार, वह अपनी पूर्व याचिका इस आधार पर वापस चाहता है, क्योंकि 'उसकी शिकायत केवल यह नहीं, कि उसका प्रतीक स्वीकार नहीं' किया गया है, अपितु, वह उन "प्रक्रियात्मक पहलुओं को चुनौती" देना चाहता है, जो भारत के संघ द्वारा विभिन्न स्तरों पर, इस प्रकार के कामों हेतु अपनाई जाती है l जिन्हें, राजभाषा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और कई अन्य विभिन्न विधियों के प्रावधानों के रूप में तथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, से संचालित होती है !
यदि एक उचित परिप्रेक्ष्य में देखा जाये, तो बोध होता है कि श्री साहनी जनता के व्यापक हित में एक याचिका प्रस्तुत करना चाहते है l
पूर्वोक्त के ध्यान में रखते हुए, हम याचिका वापसी की अनुमति देना चाहते है "इस स्वतंत्रता के साथ कि अपील करने के लिए उपयुक्त वाद और एक जनहित याचिका को बनाए रखने के लिए आवश्यक आंकड़ो व तथ्यों सहित एक नई जनहित याचिका दायर कर सके." आदेश: याचिका वापसी अनुमति 310/2011
श्री सिंह और 9 अन्य आरटीआई कार्यकर्ताओं की आरटीआई द्वारा "नई रुपया प्रतीक डिजाइन प्रतियोगिता की चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार उजागर". इसे यहाँ पढ़ें HERE
अतीत में कुछ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में भी इस मामले में दी गई सूचना [Link1] [Link 2].
नोट: आप दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर निर्णय की जांच हेतु HERE में, नीचे की जानकारी का उपयोग कर सकते हैं.
तो ये है हमारा "प्रतीक प्रारूप, प्रतियोगिता प्रक्रिया" प्रबंधन ! देखते हैं इसकी परिणति- तिलक, संपादक युग दर्पण
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Delhi High court allows RTI activist Mr. Rakesh Kumar Singh to file PIL against “Indian Rupee symbol selection process”.
Mr. Rakesh Kumar Singh had submitted a LPA petition in the Delhi High Court challenging Delhi HC earlier judgment in which court had refused to entertain his petition challenging selection process of New Indian Rupee Symbol. leave petition
After hearing the LPA, Hon'ble Chief Justice and Hon'ble Mr. Justice Sanjiv Khanna of Delhi High Court in their judgment said “We learned senior counsel appearing for the appellant submitted that he may be permitted to withdraw the appeal as he really does not have the grievance solely because the symbol has not been accepted but he intends to challenge the procedural aspects which are adopted by the Union of India at various levels relating to such kind of works which affect various provisions of the Official Languages Act and many other provisions of various statutes as well as Article 14 of the Constitution of India.
If we understand the submission of Mr. Sawhney in a proper perspective, he wants to file a petition in the larger public interest.
In view of the aforesaid, we are inclined to permit the withdrawal of the appeal with liberty to file a Public Interest Litigation with the appropriate pleadings and data which are necessary to sustain a Public Interest Litigation.” Order: LPA 310/2011
Mr. Singh and nine other RTI activists RTI's exposed CORRUPTION in selection process in New Rupee Symbol design competition. read it HERE In past some National daily newspapers had also reported in this matter too [
Link1] [
Link 2].
Note: You can check the judgment at Delhi High court website
HERE using down below information.
देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास !
हम जो भी कार्य करते हैं परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं,
देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता!
आओ मिलकर इसे बनायें-तिलक