(YDMS की एक नई प्रस्तुति)
काल व आवश्यकता के अनुसार नए नए प्रयोग चलते रहते हैं, तदनुसार यह एक नया ब्लाग है।महाभारत 2014 की रणभेरी बजने को है।
यह महाभारत द्वापर की महाभारत से कुछ हट कर है। समय के साथ साथ महाभारत में भी कुछ परिवर्तन दिखने लगे हैं।
पहले की महाभारत में गान्धारी ने अपनी आँखों पर पट्टी बांध रखी थी व स्वयं नियमों से बंधी थी। आज की गान्धारी जनसामान्य को नियमों से बाँधकर व उनकी आँखों पर कानून की तथा विचार बदलने हेतु मस्तिष्क पर भ्रामक प्रचार की पट्टी चढ़ा देती है।
पहले सभी कौरव बुरे नहीं थे, केवल दुर्योधन के समर्थन के अपराधी थे। आज दुर्योधन व गान्धारी के साथ सभी 100 कौरव अपने 200 हाथों से अपने ही देश को खोखला करने में लगे हैं। भीष्म केवल इंद्र प्रस्थ के कारण उनका साथ नहीं दे रहे, लूट में भागीदारी उन्हें भी मिल रही है। दूसरी ओर कृष्ण अभी दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि दोनों पक्षों की सेनाएं कुरुक्षेत्र में उतरने की तैयारी में हैं।
पहले गान्धार नरेश व गान्धारी को संजय कुरुक्षेत्र का आँखों देखा वर्णन सुनाते थे, अब हम जनता जनार्दन को सुनायेंगे।
अथ नव महाभारत कथा। यह कथा भी है यथार्थ की, मोदी के पुरुषार्थ की सारथि वो स्वयं बने और स्वयं ही है पार्थ भी, शत कौरवों के चक्र व्यूह को भेदना है राष्ट्र और हिंदुत्व के स्वाभिमान के रक्षार्थ ही। जय घोष द्विग्घोषित हुए, लाज भारत की है अब हर राष्ट्र भक्त के हाथ में। वोट लुटा तो देश लुटेगा साथ में अस्तित्व भी।
सच्चे वृतांत के लिए
YDMS की एक नई प्रस्तुति
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" से जुड़े रहिये:नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प Join YDMS ;qxniZ.k सन 2001 से हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, पंजी सं RNI DelHin 11786/2001 विशेष प्रस्तुति विविध विषयों के 28+1 ब्लाग, 5 चैनल व अन्य सूत्र, की 60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है। तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 9911111611, 8743033968.9999777358.
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http://bharatasyasharmnirpekshvyavastha.blogspot.in/2013/06/blog-post_17.htmlइतिहास को सही दृष्टी से परखें। गौरव जगाएं, भूलें सुधारें।
आइये, आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा । तिलक YDMS
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
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