"कार्य ही पूजा है/कर्मण्येव अधिकारस्य मा फलेषु कदाचना" दृष्टान्त का पालन होता नहीं,या होने नहीं दिया जाता जो करते हैं उन्हें प्रोत्साहन की जगह तिरस्कार का दंड भुगतना पड़ता है आजीविका के लिए कुछ लोग व्यवसाय, उद्योग, कृषि से जुडे, कुछ सेवारत हैंरेल, रक्षा सभी का दर्द उपलब्धि, तथा परिस्थितियों सहित कार्यक्षेत्र का दर्पण तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Saturday, June 7, 2014

बजट पूर्व परामर्श बैठक

बजट पूर्व परामर्श बैठक

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व परामर्श बैठक की रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता 
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे अधिक से अधिक संख्या में प्रशिक्षित कर्मी भारतीय अर्थव्यवस्था में शामिल हो सके। वित्त मंत्री आज नई दिल्ली में बजट पूर्व विचार विमर्श के क्रम में केन्द्रीय मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से बातचीत के पश्चात कहा कि सरकार बजट तैयार करते समय केन्द्रीय मजदूर यूनियनों की ओर से दिये गये, दस सूत्री मांग पत्र पर विचार करेगी। 
बैठक में वित्त और कार्पोरेट मामलों की राज्यमंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण, व्यय सचिव श्री रतन पी.वटल, राजस्व सचिव श्री राजीव टकरू, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती गौरी कुमार तथा वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
बैठक में शामिल मजदूर यूनियनों ने वित्त मंत्री को संयुक्त ज्ञापन सौंपा। जिनमे कुछ विशेष प्रस्ताव निम्नलिखित हैः 
बढ़ रहे मूल्यों को रोकने तथा मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के प्रभावी पग उठाये जाएं। वस्तुओं में वायदा बाजार पर पाबंदी लगायी जाए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाने के साथ इसे सुदृढ़ बनाया जाए, संचयन पर उचित नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए तथा कर/शुल्क/पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिभार को विवेक संगत बनाया जाए; ताकि लोगों का बोझ कम हो।
रोजगार सृजन के लिए अर्थव्यवस्था को जीवंत बनाने के उद्देश्य से मूलभूत अवसंरचना क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश हो। इस काम में सार्वजनिक क्षेत्र अग्रणी भूमिका निभाये। बजट में रोजगार सृजन तथा लोगों की सतत आय की गारंटी के लिए योजना और गैर योजना खर्च को बढ़ाया जाए। 
न्यूनतम वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाए और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की अनुशंसाओं को ध्यान में रखते हुए, सभी प्रकार के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए। यह आय प्रतिमाह 15 हजार रूपये से कम न हो। 
रक्षा उत्पादन, दूरसंचार, रेलवे, वित्तीय क्षेत्र, खुदरा व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को सशक्त बनाया जाए। लाभ कमा रही सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइ के शेयरों को बेचना तत्काल रोका जाए। 
वित्त मंत्री के साथ बैठक में भाग लेने वाले विभिन्न मजदूर यूनियन के समूहों के प्रतिनिधियों में भारतीय मजदूर संघ के श्री बी.एन.राय, भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन (इंटक) के श्री चंद्र प्रकाश सिंह, आईएनटीयूसी के श्री शांताकुमार, इंटक की सुश्री अमरजीत कौर, श्री डी.एल सच्चदेव, हिन्द मजदूर सभा के श्री शरद राव और श्री हरभजन सिंह सिधू, सीटू के श्री स्वदेश देवराय और सांसद श्री तपनसेन, एआईयूटीयूसी के श्री दिलीप भट्टाचार्य और श्री शंकर शाह, टीयूसीसी के श्री शिवप्रसाद तिवारी लेवर प्रोग्रेसिव फैड्रेशन के श्री वी.सुबुरमन तथा एम.सणमुगम, यूटीयूसी के श्री प्रेचंदन तथा अबनी राय तथा नेशनल फ्रट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनस के डॉ. विराट जयसवाल शामिल थे। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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