सन्1948 तक ये भूमि एक मुस्लिम परिवार की थी। सन् 1948 के आसपास एक अग्रवाल परिवार को बेच दी गई। सन् 2001 मे उस अग्रवाल परिवार ने इसे सिख गुरुद्वारा साहिब प्रबंधन को बेच दी। स् न2010 मे काम चालू हुआ और 2014 मे जब छत डाली जा रही थी, तभी वहां के एक मुस्लिम कांग्रेसी पार्षद वहां विरोध के लिए गया और अगले दिन सुबह उसने पास की मस्जिद से फरमान जारी कर 10000 मुसलमानों को इकट्ठा कर भडकाऊ भाषण दिया था। उस के बाद उसने भीड के साथ गुरूद्वारा के आस पास प्राय: 150 दुकानों को लूटने के बाद कई दुकानों में आग लगाई। कई वाहनों में आग लगाई और यह सब प्राय: 2 -3 घन्टे चला।
जब सिख समुदाय सामने आया तो अखिलेश मुलायम सिंह यादव की मुल्लावादी सरकार सामने आई। जो पुलिस 2-3 घन्टे से सो रही थी। वह सिख समुदाय को रोकने के लिए जाग गई और तुरंत कर्फ्यू लगा दिया और मुसलमानों को बचाया । जिस कांग्रेसी पार्षद ने ये कराया, वह दिल्ली के इमाम बुखारी का सम्बन्धी (रिश्तेदार) है। इस लिए उसे बचाया जा रहा है। ये हैं सच्चाई सहारनपुर की।
2002 के निर्दोष मोदी पर जिस प्रकार 10 -12 वर्ष प्रहार हुए, अब उ प्र में वास्तविक अपराध के मामले में नकारात्मक मीडिया को सांप क्यों सूंघ गया है? पक्षपाती नकारात्मक मीडिया की वह धार, अब कुंद क्यों पड़ गई ?
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9911111611
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