इस अवसर पर श्री कुल भूषण ने कहा कि रेल संचालन की सुरक्षा चिंता का विषय है। भारतीय रेलवे में सुरक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए नए उपाय करने और नई प्रौद्योगिकी प्रणाली अपनाने को पूरी प्राथमिकता दी जा रही है। पैनल/इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग/रूट रिले इंटरलॉकिंग, एक्सेल काउंटर के जरिए ब्लॉक प्रूविंग, डाटा लोगर, ट्रैक सर्किटिंग इत्यादि को अपनाया गया है जिससे स्टेशन क्षेत्र में दुर्घटनाओं में बहुत कमी आई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे की कॉरपोरेट सुरक्षा योजना में खतरे पर सिग्नल पासिंग के जोखिम को कम करने तथा मोटरमैन/लोको पायलट द्वारा निर्धारित गति से अधिक तेज गाड़ी चलाने पर लगाम कसने के लिए प्रावधान किया गया है।
श्री कुल भूषण ने कहा कि बिहार में नगीनगर में 1000 मेगावॉट क्षमता का कैप्टिव बिजलीघर एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम के रूप में बनाया जा रहा है और यह निर्माण के अग्रिम चरण में है। इसकी 250 मेगावॉट की क्षमता वाली पहली इकाई मई 2015 तक चालू होने की उम्मीद है।
इस सम्मेलन में रेल परिवहन उद्योग के तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें दी गई तकनीकी जानकारी, आपसी विचार-विमर्श और तकनीकी परिचर्चाओं से रेलवे नेटवर्क के समक्ष चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। सम्मेलन में सरकारी संगठनों, विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के सरकारी उपक्रमों, अग्रणी उद्योगों और निर्माताओं के 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
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